प्रदेश के लाखों
हिमाचल प्रदेश के लाखों उपभोक्ताओं को शुक्रवार को महंगी बिजली का झटका लग सकता है। वित्त वर्ष 2023-24 के लिए बिजली बोर्ड को 500 करोड़ रुपये का ही उपदान मिला है। कांग्रेस सरकार ने उपदान में कोई बढ़ोतरी नहीं की है। ऐसे में एक अप्रैल से बिजली की दरें बढ़ने की संभावना है।
शुक्रवार को राज्य विद्युत विनियामक आयोग वित्त वर्ष 2023-24 के लिए नई बिजली दरें तय करेगा। प्रदेश सरकार से कम सब्सिडी जारी होने से दरों में बढ़ोतरी होने के आसार बन गए हैं। वित्त वर्ष 2023-24 के लिए बिजली बोर्ड को 500 करोड़ रुपये का ही उपदान मिला है। कांग्रेस सरकार ने उपदान में कोई बढ़ोतरी नहीं की है।ऐसे में एक अप्रैल से बिजली की दरें बढ़ने की संभावना है। राज्य बिजली बोर्ड ने 90 पैसे प्रति यूनिट की दर से दरों में बढ़ोतरी करने का विद्युत विनियामक आयोग को प्रस्ताव भेजा है। 126 यूनिट से अधिक बिजली खपत पर घरेलू उपभोक्ताओं के लिए बिजली महंगी हो सकती है। औद्योगिक और व्यावसायिक उपभोक्ताओं को मिलने वाली सप्लाई के भी दाम बढ़ने के आसार हैं। घरेलू उपभोक्ताओं को 125 यूनिट निशुल्क बिजली देने से बोर्ड की आर्थिकी बिगड़ गई है।
घरेलू और कृषि उपभोक्ताओं के बिजली बिलों पर अनुदान देने के लिए सरकार की ओर से उपदान दिया जाता है। वर्ष 2022-23 के बजट में भाजपा सरकार ने बोर्ड को सस्ती बिजली देने के लिए 500 करोड़ रुपये का उपदान दिया था। घरेलू उपभोक्ताओं को प्रतिमाह 60 यूनिट निशुल्क देने की इस दौरान घोषणा की गई थी। कुछ माह बाद भाजपा सरकार ने 125 यूनिट तक बिजली को निशुल्क कर दिया था। इसकी एवज में 66 करोड़ की प्रतिमाह उपदान राशि अलग से दी गई। ऐसे में 125 यूनिट निशुल्क बिजली की योजना को जारी रखने के लिए बोर्ड को करीब 800 करोड़ के उपदान की जरूरत थी, लेकिन सरकार की ओर से सिर्फ 500 करोड़ की सब्सिडी ही दी गई है।