कुल्लू-मनाली हवाई अड्डे
हिमाचल प्रदेश के सबसे पुराने भुंतर स्थित कुल्लू-मनाली हवाई अड्डे में अब खराब मौसम में भी विमान उतर सकेंगे। जिला कुल्लू के साथ लगते मंडी के थाची स्थित ददास नामक पहाड़ी में डॉप्लर वेरी हाई ओमनी रेंज (डीवीओआर) और डीएमई (दूरी मापने का उपकरण) सिस्टम स्थापित कर दिया है। इन्होंने काम करना शुरू कर दिया है। अब सर्दी और बरसात में दिल्ली, चंडीगढ़ और शिमला से आने वाली उड़ानों को भुंतर में उतरने में कोई दिक्कत नहीं आएगी। खास बात है उपरोक्त सिस्टम का लाभ न केवल भुंतर हवाई में उतरने वाले विमानों को मिलेगा, बल्कि इसका लाभ मंडी में बनने वाले हवाई अड्डे के साथ लेह के लिए उड़ान भरने वाले विमानों को भी होगा। भुंतर हवाई अड्डा से करीब 60 किलोमीटर दूर थाची के ददास में लगाए गए डीवीओआर और डीएमई सिस्टम की मदद से विमान का संचालन कर रहा पायलट खराब मौसम व कोहरे में एयरपोर्ट से विमान की दिशा और दूरी का सटीक अनुमान लगा सकता है।
सर्दी में कोहरा और बरसात में खराब मौसम के कारण अमूमन भुंतर के लिए हवाई उड़ानें रद्द हो जाती हैं। कई बार विमान को खराब मौसम के कारण वापस चंडीगढ़ लौटना पड़ता है। अब यह समस्या दूर हो गई है। भुंतर हवाई अड्डा के निदेशक नीरज कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण बेहतर हवाई सेवा को विस्तार देने के लिए प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि थाची के ददास स्थित पहाड़ी में डीवीओआर और डीएमई सिस्टम को स्थापित कर दिया है, जिसने काम करना शुरू कर दिया है।
28 साल में स्थापित हुआ डीवीओआर सिस्टम
ददास में डीवीओआर और डीएमई को स्थापित करने में 28 साल का वक्त लगा है। 1995 में इसकी भूमि समेत सभी अन्य औपचारिकताओं को पूरा कर लिया था। 20 अक्तूबर 2020 को भुंतर हवाई अड्डे के निदेशक नीरज कुमार श्रीवास्तव ने डीवीओआर भवन का शिलान्यास कर किया था, जिसका निर्माण कार्य मार्च 2022 में पूरा हो गया। इसके बाद मई और जून में इसमें सभी यंत्रों को स्थापित कर सितंबर में टेस्टिंग की गई। अब भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण से स्वीकृति मिलने के बाद डीवीओआर और डीएमई सिस्टम का संचालन शुरू कर दिया है।