पानी के पाइपों
उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि भाजपा ने पानी के पाइपों को अपना चुनावी हथियार बनाया।
बेरहमी से पाइपों की प्रदेश में सप्लाई की गई। झंडे़, कुर्सी, बाड़ और चारपाइयां बनाने में भी पाइपों का इस्तेमाल हुआ। जल जीवन मिशन वर्ष 2024 में खत्म होना था। भाजपा ने जल्दबाजी में दो साल पहले ही निपटा दिया। विधानसभा सदन में प्रश्नकाल के दौरान उपमुख्यमंत्री ने कहा कि धर्मपुर में चंद्रशेखर कांग्रेस विधायक बने हैं। पूर्व सरकार के खिलाफ जनता का यह श्वेत पत्र है।
कांग्रेस विधायक केवल सिंह पठानिया ने प्रश्नकाल में मामला उठाते हुए कहा कि पूर्व सरकार के समय दो हजार करोड़ की राशि से धड़ल्ले से पानी के पाइपों की खरीद हुई। दिल्ली, अहमदाबाद, गाजियाबाद, ओडिसा, पंचकूला और मोहाली की कपंनियों से खरीद की गई। सभी पाइप एक जैसे हैं। हर कंपनी की गुणवत्ता भी एक जैसी है। उन्होंने कहा कि पाइपों को इतनी अधिक मात्रा में खरीदने के कारण ही सड़कों पर जगह-जगह ढेर लग गए। पठानिया के कहा कि गुणवत्ता और खरीद कमेटी की जांच होनी चाहिए।
जवाब में उपमुख्यमंत्री ने बताया कि गत तीन वर्षों में जल शक्ति विभाग ने दो हजार करोड़ से विभिन्न डायमीटर के पाइपों की खरीद की। जीआईपी पाइप की मात्रा मीट्रिक टन में 1,92,009 थी। डीआई पाइप की मात्रा मीटर में 3,73,558 और एचडीपीई पाइप की मात्रा मीटर में 5,13,9,352 रही। जल जीवन मिशन अब समाप्ति की ओर है। भाजपा सरकार बजट समाप्त कर गई है। मिशन के तहत 9,22,795 पानी के कनेक्शन लगाए गए। 36,463 कनेक्शन अभी लंबित हैं। प्रदेश में जहां-जहां भी खुले में पाइप पड़े हैं, उन्हें विभाग को अपने भंडारण में रखने को कहा है।
मुकेश ने कहा कि पूर्व सरकार ने पेयजल योजनाओं का दायरा बढ़ाए बिना ही नए कनेक्शन लगा दिए, इस कारण कई क्षेत्रों में पानी की सप्लाई नहीं मिल रही है। कांग्रेस सरकार योजनाओं का विस्तार करेगी। उन्होंने कहा कि जिन क्षेत्रों में अभी कनेक्शन नहीं लगे हैं, वहां सरकार प्राथमिकता पर नल लगाएगी। भाजपा विधायक सुखराम चौधरी, रणधीर शर्मा, कांग्रेस विधायक विनय कुमार और राजेश धर्माणी ने भी इस मामले से संबंधित अनुपूरक सवाल पूछे।