सरकारी स्कूलों को बेहतर
हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में स्मार्ट क्लासरूम बनाने, पहली से आठवीं कक्षा के विद्यार्थियों को निशुल्क वर्दी और किताबें देने के लिए केंद्र सरकार ने हिमाचल प्रदेश के लिए 1,388 करोड़ रुपये का बजट मंजूर किया है। नई दिल्ली में हुई प्रोजेक्ट अप्रूबल बोर्ड की बैठक में शिमला से वर्चुअल तौर पर जुड़े शिक्षा सचिव डॉ. अभिषेक जैन और परियोजना अधिकारी राजेश शर्मा ने प्रदेश में शुरू की जाने वाली विभिन्न योजनाओं को लेकर प्रस्तुति दी। 1,208 करोड़ की राशि प्रोजेक्ट अप्रूबल बोर्ड और 180 करोड़ की राशि स्टार्स प्रोजेक्ट के तहत हिमाचल प्रदेश को मिलेगी।
शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने बताया कि प्रदेश में अभी प्री प्राइमरी स्कूलों की संख्या करीब 5,500 है। इन स्कूलों की संख्या को भी बढ़ाया जाएगा। खेल गतिविधियां बढ़ाने और आधारभूत ढांचा विकसित करने पर भी राशि खर्च होगी। उधर, समग्र शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना निदेशालय ने वित्त वर्ष 2023-24 की वार्षिक कार्य योजना में पुस्तकालयों को मजबूत करने, डिजिटलाइजेशन को बढ़ाने के लिए कई योजनाएं तैयार की हैं। इन सभी योजनाओं को बैठक में रखा गया। बजट प्रस्ताव में वोकेशनल शिक्षा के तहत स्कूलों में नए कोर्स शुरू करने, सरकारी स्कूलों में नर्सरी और केजी कक्षाओं का दायरा बढ़ाने की मांग भी शामिल की गई।
विशेष बच्चों के लिए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के साथ मिलकर शिक्षा देने के लिए तैयार की गई नई योजना की जानकारी भी बैठक में दी गई। बताया कि कुछ बच्चे अपने घरों से बाहर नहीं निकल पाते, उनके लिए भी एक योजना बनाई जा रही है। इसके तहत खंड स्तर पर विशेष केंद्र बनाए जाएंगे, जहां गाड़ी से बच्चों को लाया जाएगा व शाम को वापस छोड़ा जाएगा। हिमाचल ऐसा पहला राज्य होगा, जहां विशेष बच्चे शिक्षा के बिना नहीं रहेंगे। केंद्र के स्वीकृत बजट को बीआरसी शिक्षकों सहित कुछ अन्य श्रेणी के शिक्षकों के वेतन की अदायगी पर भी खर्च किया जाएगा। स्टार्स प्रोजेक्ट में हिमाचल प्रदेश के अलावा राजस्थान, मध्य प्रदेश, केरल, ओडिशा और महाराष्ट्र को शामिल किया गया है।