विधानसभा सदन
विधानसभा सदन में पूर्व मंत्री दिवंगत मनसा राम को याद किया गया। सुखविंदर सुक्खू ने कहा पूर्व मंत्री मनसा राम के अनुभवों से जीवन में बहुत कुछ सीखा।
शोकोद्गार की शुरुआत करते हुए मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि पूर्व मंत्री मनसा राम का 14 जनवरी 2023 को निधन हुआ है। 82 वर्षीय मनसा राम ने स्नातक तक की शिक्षा प्राप्त की थी। मनसा राम वर्ष 1967 में पहली बार विधायक चुने गए। 25 वर्ष की आयु में वे सबसे युवा विधायक बने। हिमाचल निर्माता और पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. वाईएस परमार के मंत्रिमंडल में मनसा राम शामिल रहे। मुख्यमंत्री ने कहा कि मनसा राम मेरे पड़ोस में रहते थे। उनके लंबे राजनीतिक अनुभवों से बहुत कुछ सीखने को मिला। डॉ. परमार से मनसा राम बहुत प्रभावित थे। उन्होंने हमेशा सदन की गरिमा बनाए रखी।
नेता विपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि मनसा राम का व्यक्तित्व तनाव के माहौल में भी खुशनुमा बना रहने का था। जिससे भी मनसा राम मिलते थे, उसे कहते थे कि मैं आपका बंदा हूं। जयराम ठाकुर ने वर्ष 1998 की एक घटना का जिक्र करते हुए कहा कि उस समय सरकार के गठन को लेकर खूब कशमकश चल रही थी। मनसा राम हिमाचल विकास कांग्रेस से विधायक बने थे। सरकार गठन की प्रक्रिया के बीच पार्टी ने विधायकों को प्रदेश से बाहर रखा था। इसी बीच राज्यसभा के नामांकन की तारीख तय हो गई। हम सभी देर रात को शिमला पहुंचे। लोकनिर्माण विभाग के रेस्ट हाउस में उस रात को मनसा राम के साथ वे एक कमरे में रुके थे। कई प्रकार की संभावनाओं के चलते उस रात उनके कमरे में बाहर से ताला लगा दिया गया।
कई लोगों ने रात को आकर दरवाजा खटखटाया, वे लाइट बंद कर अंदर चुपचाप रहे। जयराम ठाकुर ने बताया कि उसी रात को गीजर ऑन रह गया था। सुबह उठते ही गीजर की पाइप फटने से बहुत तेज धमाका हुआ था। बाहर दरवाजे पर ताला लगा हुआ था। कमरे में धुआं भर गया। इससे कुछ देर के लिए दहशत भी हो गई थी। संसदीय कार्यमंत्री हर्षवर्द्धन चौहान, शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर, लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह, विधायक हंसराज, रवि ठाकुर, राकेश जमवाल, अनिल शर्मा और दीपराज ने भी शोकोद्गार में भाग लिया। अंत में विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने भी शोक संतप्त परिवार के प्रति अपनी संवेदनाएं जताईं।